Jammu Kashmir: ED Raids eight Locations In Cash Laundering Case Of Rs 250 Crore, Two Folks Arrested – जम्मू-कश्मीर: 250 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की eight जगहों पर छापेमारी, 2 लोग गिरफ्तार

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आरोपियों को एक विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा.

श्रीनगर:

प्रवर्तन निदेशालय ने 250 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के eight स्थानों पर छापेमारी की और इस दौरान दो लोगों की गिरफ्तारी की गई. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दो व्यक्तियों मोहम्मद शफी डार (जेकेएसटीसीबी के तत्कालीन अध्यक्ष) और हिलाल अहमद मीर (रिवर जेहलम को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी के अध्यक्ष) को गिरफ्तार किया है. उन्हें एक विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा.

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अधिकारियों ने दावा किया कि ईडी ने डार के आवास सहित अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी और इस दौरान साक्ष्य बरामद किए गए. उन्होंने बताया कि यह धोखाधड़ी ‘‘फर्जी” फर्म ‘रिवर झेलम कोऑपरेटिव हाउसिंग बिल्डिंग सोसाइटी’ के नाम पर की गई थी.

अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी ईडी के श्रीनगर स्थित कार्यालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलाशी और जब्ती के लिए एजेंसी को प्रदान किये गये अधिकार के तहत की गई.

जम्मू और कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अगस्त, 2020 को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के लिए मीर, डार और अन्य के खिलाफ मामले में आरोप पत्र दायर किया था.

एसीबी की जांच के मुताबिक मीर ने सहकारी समितियों के प्रशासन विभाग के सचिव को एक आवेदन दिया था, जिसमें श्रीनगर के बाहरी इलाके में ‘सेटेलाइट टाउनशिप’ का निर्माण करने के वास्ते 37.5 एकड़ भूमि का कब्जा लेने के लिए 300 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने के लिए जम्मू-कश्मीर सहकारी बैंक को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

एसीबी की जांच में यह पाया गया कि श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर सहकारी बैंक ने औपचारिकताओं का पालन किये बिना 250 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया.

इसमें पाया गया कि ‘रिवर झेलम कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी’ को सहकारी समितियों के पंजीयक के समक्ष पंजीकृत भी नहीं किया गया था और मीर ने डार तथा अन्य के साथ मिलकर सोसाइटी के नाम पर एक फर्जी पंजीकरण प्रमाण पत्र तैयार किया था. (भाषा इनपुट के साथ)

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