Meeting Elections 2023 Madhya Pradesh Polls Bjp Congress Jyotiraditya Scindia Not In Cm Race – MP के CM की रेस में नहीं… : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया, PM के चेहरे पर क्यों चुनाव लड़ रही BJP

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पार्टी ने अगर आपको सीएम की जिम्मेदारी दी तो आप क्या करेंगे? इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “ये ही सवाल 2013 में पूछा था… ये ही सवाल 2018 में पूछा था.. अब 10 साल बाद फिर मुझे पूछ रहे हैं..मैंने तब भी कहा था कि मैं इस दौड़ में नहीं हूं.. मैं एक सेवक हूं एमपी की जनता का.. जो भी आदेश मेरी पार्टी करेगी… उसका पालन मैं करूंगा.. लेकिन मुख्यमंत्री की रेस में मैं नहीं हूं….”

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BJP कार्यकर्ताओं की पार्टी

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “आप भारतीय जनता पार्टी को अच्छी तरह से जानते हैं. जब मैं कांग्रेस में था, तब भी मुझ से ये सवाल किया जाता था. आज बीजेपी में हूं तो भी यही सवाल पूछा जा रहा है. कांग्रेस पार्टी में गुट होते हैं. वहां सीएम के प्रत्याशी होते हैं. वहां सत्ता की लालच होती है. कांग्रेस में सरकार बनने के पहले 8-Eight सीएम बन जाते हैं. लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. यहां न कोई नेता है, न कोई मंत्री है, न कोई सीएम है. हम सब पहले कार्यकर्ता हैं और आखिरी तक हमलोग कार्यकर्ता हैं.”

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव बीजेपी ने अपना किला बचाने के लिए लोकसभा सांसदों तक को टिकट दिया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी मध्य प्रदेश जीतने के लिए किस हद तक जा रही है. बीजेपी की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए सभी प्रमुख नेताओं को मैदान में उतार दिया गया है. सिंधिया भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. शुक्रवार को उन्होंने उज्जैन में रैली की.

मध्य प्रदेश में बीजेपी को मिलेगा जनता का आशीर्वाद

क्या मध्य प्रदेश में बीजेपी की वापसी होने जा रही है? इस सवाल के जवाब में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने NDTV से कहा, “मैं आश्वस्त हूं. ऐसा ही होगा. बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड विकास, समावेशी विकास और विस्तारित विकास का रहा है. ऐसे में मैं कॉन्फिडेंट हूं कि मध्य प्रदेश की जनता बीजेपी को जीत का आशीर्वाद देगी और दोबारा से हमारी पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी.”

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एमपी में कोई एंटी इंकमबेंसी नहीं

सिंधिया ने कहा, “मध्य प्रदेश में कहीं भी कोई एंटी इंकमबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) नहीं है. एंटी इंकमबेंसी आखिर होता क्या है. इसके दो चरित्र होते हैं. पहला चरित्र- चुनाव के दर्मियान भीड़ नहीं जुट पाती. चुनाव के दर्मियान नेता जनता के बीच जब जाते हैं, तो संकोच के साथ जाते हैं. चुनाव के दर्मियान जब जनता उमड़ कर आती है, तो क्रोध के साथ आती है. दूसरा चरित्र- एंटी इंकमबेंसी का दूसरा चरित्र चुनाव परिणाम के वक्त शुरू होता है. अगर आप दोनों चरित्र को मिलाकर देखें, तो आपके पास, आपके इतिहास में एक सबसे बेहतरीन उदाहरण है. ये उदाहरण 2003 का है. जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. बीएसपी मुद्दा था. बीएसपी यानी बिजली, सड़क और पानी. 37 सीट तक कांग्रेस सिमट चुकी थी. बीजेपी की रैलियों में एंटी इंकमबेंसी जैसी कोई बात नहीं दिख रही है.”

पीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर क्या बोले सिंधिया?

अगर एमपी में एंटी इंकमबेंसी नहीं है, तो बीजेपी पीएम के चेहरे पर चुनाव क्यों लड़ रही है? इसके जवाब में सिंधिया ने कहा, “प्रधानमंत्री इस देश के सर्वश्रेष्ठ नेता हैं. पूरी बीजेपी एमपी एकसाथ मिलकर उनके नेतृत्व में इस चुनाव अभियान को लड़ रही है. एक चेहरा हो तो आप कहते हैं कि गुट है… सब साथ में हों तो आप कहते हैं कि एक चेहरा क्यों नहीं है.” 

कमलनाथ पर क्या बोले सिंधिया?

BJP कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ को ‘करप्शन नाथ’ बताती है. इससे जुड़े सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “उनके 18 महीने के कार्यकाल में तो भ्रष्टाचार विश्व स्तर पर पहुंच गया था. कमलनाथ ने नया कीर्तमान स्थापित कर दिया था.”

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मैं कांग्रेस को बहुत याद आता हूं

बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव में 7 सांसदों को उतारा है. उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी इलेक्शन में उतारेगी. इससे जुड़े सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा, “प्रॉब्लम ये है कि कांग्रेस मेरे बारे में बहुत सोचती है. मैं कांग्रेस पार्टी को बहुत याद आता हूं. मेरे बारे में सोचते-सोचते कांग्रेस हर बार इधर-उधर ही हो जाती है.

कांग्रेस से नहीं है कोई दुश्मनी

जब से आपने कांग्रेस छोड़ी है… तब से कांग्रेस आप पर निशाना साध रही है कि आपने धोखा दिया है? इसके जवाब में सिंधिया ने कहा, “कांग्रेस मुझे जितनी भी गालियां दें, उनका स्वागत है. मुझे कोई बैर नहीं हैं काग्रेस से. इन्होंने मेरे परिवार को भी गालियां दीं. जिस व्यक्ति ने कांग्रेस के लिए अपनी जान दे दी. मेरे पिताजी कांग्रेस की रैली में जाते हुए शहीद हुए. हिम्मत नहीं थी उनकी जब मेरे पिताजी कांग्रेस में थे या मैं कांग्रेस में था तो ये सब चीजें कहने के लिए. आज कहां से आ गया. नया इतिहास पढ़ रहे हैं क्या है. ये अंग्रेजों का इतिहास पढ़ रहे हैं. इसी अंग्रेजों के इतिहास को हमें खत्म करना है.” 

कमलनाथ या दिग्विजय सिंह से भी नहीं है बैर

सिंधिया ने कहा, “दिग्विजय सिंह का मैं आज भी सम्मान करता हूं. ना मेरा कमलनाथ से ना दिग्विजय सिंह से बैर है. मैं एमपी की जनता का विकास और प्रगति का रास्ता प्रशस्त करना चाहता हूं. अगर कोई भी उस रास्ते में बाधा बनेगा, तो सच्चाई जनता के सामने पेश करना मेरा धर्म है.” 

किसानों की कर्ज माफी पर क्या बोले सिंधिया?

बीजेपी के नेता कांग्रेस पर किसानों को फर्जी ऋण माफी पत्र बांटने के आरोप लगाती आई है. लेकिन कई बार सरकार ने भी विधानसभा में माना कि किसानों की कर्ज माफी हुई है. इस पर सिंधिया ने कहा, “सरकार ने ऐसा कभी नहीं माना है. अगर किसानों की कर्ज माफी की गई होती, जनता में से एक तो उठकर सच्चाई बताता.”

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चुनावी योजनाओं के लिए सरकार फंड कहां से लाएगी?

चुनाव के मद्देनजर बीजेपी सरकार कई योजनाएं लेकर आई है. ‘लाड़ली बहना’ योजना की चर्चा ज्यादा हो रही है. कांग्रेस भी कई गारंटियां लेकर आई हैं. इन योजनाओं के लिए सरकार पैसा कहां से लेकर आए? इस सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा, “हमारे प्रदेश में वो क्षमता है. 2003 में भी क्षमता नहीं दिख रही थी. जब एमपी की प्रति व्यक्ति आय 11 हजार रुपये थी. उस समय भी बीजेपी से सवाल किया जा रहा था कहां से बिजली लाएंगे, पानी कहां से लाएंगे. सड़क कहां से बनाएंगे. लेकिन सरकार ने काम किया ना.. हमने करके दिखाया… आप चिंता मत कीजिए.. हमने विशेषज्ञों के साथ मिलकर तय किया है. हम मध्य प्रदेश को हम पूरे राष्ट्र में आर्थिक क्षेत्र में एक नक्षत्र की तरह उभारने के लिए हम संकलित हैं.” 

  
सिंधिया ने 2018 में की थी बगावत

मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्लावियर-चंबल संभाग की कुल 34 सीटों में से कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत मिली थी. 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ की सरकार गिराई, तो 22 विधायकों ने कांग्रेस और विधायकी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद इन सीटों पर उप-चुनाव हुआ और 22 में से 16 लोग बीजेपी के टिकट से जीतने में कामयाब रहे थे. इस बार भी बीजेपी ने सिंधिया के इन सभी 16 वफ़ादारों को टिकट दिया है. सिंधिया 22 में से उन लोगों को भी बीजेपी का टिकट दिलाने में कामयाब रहे, जिन्हें उपचुनाव में हार मिली थी. 

ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के वफादार समंदर पटेल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में लौटे

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