Iphone Manufacturing In India Began, Airpods Too

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एप्पल एयरपॉड्स का निर्माण भी भारत में…

नई दिल्ली:

Apple AirPods: मेड इन इंडिया आईफोन के बाद अब एप्‍पल के मेड इन इंडिया ईयरबड्स भी आपको मिलेंगे. आने वाले समय में आप इन ईयरबड्स का इस्‍तेमाल कर पाएंगे. PTI की रिपोर्ट के अनुसार, आईफोन मेकर एप्‍पल (Apple) भारत में अपने वायरलेस ईयरबड्स ‘एयरपॉड्स’ का प्रोडक्‍शन भी शुरू करेगी.

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ताइवान की दिग्गज टेक कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) की हैदराबाद स्थित फैक्ट्री में AirPods का प्रोडक्‍शन होगा.

400 मिलियन डॉलर का निवेश

रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन ने अपने हैदराबाद प्‍लांट के लिए 400 मिलियन डॉलर के निवेश को मंजूरी दे दी है, जहां दिसंबर 2024 तक बड़े पैमाने पर प्रोडक्‍शन शुरू होने की उम्मीद है.

PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि हैदराबाद स्थित फॉक्सकॉन की फैक्‍ट्री एयरपॉड्स बनाएगी. फैक्ट्री में दिसंबर तक बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है.

इस जानकारी की पुष्टि मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य सोर्स ने की है. एप्‍पल और फॉक्सकॉन को इस संबंध में भेजे गए ईमेल का रिप्‍लाई नहीं मिला है.

TWS मार्केट में 36% हिस्‍सेदारी

iPhone के बाद AirPods एप्‍पल का दूसरा प्रोडक्‍ट होगा, जिसका भारत में प्रोडक्‍शन होगा. एप्‍पल के AirPods ग्‍लोबल ट्रू वायरलेस स्‍टीरियो मार्केट (TWS Market) का नेतृत्व करते हैं. रिसर्च फर्म कैनालिस के अनुसार, दिसंबर 2022 तिमाही में लगभग 36% मार्केट शेयर के साथ इसने ग्‍लोबल TWS मार्केट का नेतृत्व किया.

TWS मार्केट में एप्पल के बाद सैमसंग 7.5% दूसरे स्थान पर है. वहीं Xiaomi, बोट (Boat) और ओप्‍पो (Oppo) की मार्केट हिस्‍सेदारी 4.4%, 4% और 3% है. Xiaomi ने नोएडा के ऑप्टीमस इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट में अपना TWS इसी साल बनाना शुरू किया है.

तमिलनाडु में आईफोन 15 का उत्पादन शुरू!

भारत के ऑपरेशंस और चीन के मैन्युफैक्चरिंग बेस के अंतर को कम कर करने के लिए एप्पल के आईफोन-15 का उत्पादन तमिलनाडु में शुरू हो रहा है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि श्रीपेरंबुदूर में फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप प्लांट चीन में कारखानों से शिपिंग शुरू होने के कुछ हफ्तों बाद ही सबसे नए डिवाइसेज के डिस्ट्रीब्यूशन की तैयारी कर रहा है, क्योंकि कंपनी भारत से आने वाले नए आईफोन की मात्रा तेजी से बढ़ाना चाहती है.

दरअसल, एप्पल चीन से अलग अपने मैन्युफैक्चरिंग डायवर्सिटी लाने के लिए एक बहुवर्षीय परियोजना पर काम कर रही है, जिससे उसके सबसे जरूरी प्रोडक्ट्स के लिए सप्लाई चेन को लेकर जोखिम कम किया जा सके, और इसकी वजह है अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ता तनाव. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और खुद को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की मांग की है.

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