Karnataka Minister Shivanand Patil Farmers Drought Want Comment Sparks Row BJP Reacts – कर्नाटक के मंत्री की किसानों की सूखे की इच्‍छा वाली टिप्पणी पर खड़ा हुआ विवाद, BJP ने साधा निशाना

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किसानों के मन में केवल एक ही इच्छा है…

खास बातें

  • “कृष्णा (नदी) का पानी मुफ्त है, बिजली भी मुफ्त है…”
  • “CM सिद्धारमैया का मंत्रिमंडल ‘मूर्खों से भरा’ है”
  • मंत्री शिवानंद पाटिल पहले भी दे चुके हैं किसानों पर विवादित बयान

बेंगलुरु:

कर्नाटक के एक मंत्री किसानों को लेकर दी गई अपनी असंवेदनशील टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर गए हैं. इसमें उन्होंने कहा था कि किसान ‘साल-दर-साल सूखे की कामना करते हैं, ताकि उनके कर्ज माफ हो जाएं.’ एक सभा को संबोधित करते हुए राज्य के गन्ना विकास मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा, “कृष्णा (नदी) का पानी मुफ्त है, बिजली भी मुफ्त है. कई मुख्यमंत्रियों ने मुफ्त बीज और खाद दिए हैं. किसानों के मन में केवल एक ही इच्छा है -साल दर साल सूखा पड़े, ताकि उनका कर्ज़ माफ़ हो जाए.”

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कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कर्नाटक बीजेपी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का मंत्रिमंडल ‘मूर्खों से भरा’ है. बीजेपी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि “किसान विरोधी सरकार” किसानों का मजाक उड़ा रही है और उन्हें अपमानित कर रही है.

पहले भी दे चुके हैं किसानों पर विवादित बयान 

मंत्री शिवानंद पाटिल का कन्नड़ में असंवेदनशील टिप्पणी करने का एक वीडियो वायरल होने के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कांग्रेस मंत्रियों की आलोचना की. वैसे बता दें कि शिवानंद पाटिल का विवादों पुराना नाता रहा है. इस साल सितंबर में उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि राज्य सरकार द्वारा ऐसी मौतों के लिए मुआवजे में बढ़ोतरी के बाद राज्य में किसान आत्महत्याएं बढ़ गई हैं. बाद में उन्होंने कहा था कि उनका इरादा किसानों की भावनाओं को आहत करने का नहीं था और वह मीडिया को केवल किसानों की आत्महत्याओं की संख्या पर रिपोर्ट करने से पहले डेटा की प्रतीक्षा करने की सलाह दे रहे थे.

पैसे फेंकने का वीडियो भी हुआ था वायरल

शिवानंद पाटिल विधानसभा में बसवना बागेवाड़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह उस समय भी विवाद में फंस गए थे, जब उनका एक कार्यक्रम में बैठे हुए और अन्य लोगों द्वारा हवा में नोट फेंकते हुए एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ था. वीडियो में कुछ नोट उनके पैरों पर गिरे, तो मंत्री को बेफिक्र होकर बैठे बातें करते देखा गया. पाटिल ने तब कहा था कि उन्होंने पैसे नहीं फेंके और बस शादी समारोह में उपस्थित हुए थे.

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