Karnataka Siddaramaiah Authorities Introduced It Will Quickly Withdraw The Ban On Sporting Hijab – लड़कियों को अपने कपड़े चुनने का अधिकार… : हिजाब बैन पर कर्नाटक के CM सिद्धारमैया का बड़ा ऐलान

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बीजेपी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने जून 2022 में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

बेंगलुरु:

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार हिजाब पर बैन (Karnataka Hijab Ban Row) हटाने जा रही है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने शुक्रवार को अधिकारियों से राज्य में हिजाब पर बैन वापस लेने को कहा. सिद्धारमैया ने कहा, “लड़कियों को अपने कपड़े चुनने का अधिकार है. लड़कियां और महिलाएं अपनी मर्जी के मुताबिक कुछ भी पहन सकती हैं.” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर लोगों को कपड़े, पहनावे, जाति के आधार पर समाज को बांटने का भी आरोप लगाया.

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सीएम सिद्धारमैया ने मैसुरू में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हिजाब पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है. महिलाएं हिजाब पहन सकती हैं और कहीं भी जा सकती हैं. मैंने प्रतिबंध का आदेश वापस लेने का निर्देश दिया है. आप कैसे कपड़े पहनते हैं और क्या खाते हैं यह आपकी पसंद है. मैं आपको क्यों रोकूं?” 

बीजेपी के नेतृत्व में पिछली कर्नाटक सरकार ने स्‍कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी. इसे लेकर काफी हंगामा भी मचा था. मामला कर्नाटक हाईकोर्ट तक भी पहुंचा. राज्‍य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद अब इस रोक को हटाया जा रहा है. 

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “राज्य में लोग जो चाहें पहनने और खाने के लिए आजाद हैं. आप जो चाहे पहनिए. जैसी मर्ज़ी खाइए. मुझे जो चाहिए मैं खाऊंगा. मैं धोती पहनता हूं, आफ पैंट शर्ट पहनते हैं. इसमें गलत क्या है?” 

उडुपी से शुरू हुआ था विवाद

कर्नाटक में हिजाब विवाद पिछले साल जनवरी के शुरुआत में उडुपी के ही एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था. स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था. इसके बाद दूसरे शहरों में भी यह विवाद फैल गया.

मुस्लिम लड़कियों ने इसका विरोध किया. इसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था. एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी थी.

पिछली सरकार ने जून 2022 में लगाया था बैन

जून 2022 में राज्य के तत्कालीन सीएम बी बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में सिर ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया था.सरकार के इस फैसले पर खूब विवाद हुआ था. कई छात्रों ने इस बैन के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब बैन को फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम का एक अनिवार्य धार्मिक अभ्यास नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट में गया मामला

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. अदालत ने इस मामले पर खंडित फैसला सुनाया. एक जज ने कहा कि राज्य के स्कूल यूनिफॉर्म लागू करने के लिए अधिकृत है. दूसरे जज ने हिजाब को पसंद का मामला बताया.

इस साल जून में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खडगे ने NDTV से कहा कि BJP सरकार का कोई भी कानून अगर प्रतिगामी है, तो नई राज्य सरकार उसे निरस्त कर देगी. प्रियांक खडगे ने हिजाब बैन, गोहत्या विरोधी विधेयक का जिक्र करते हुए ये बातें कही थी. उन्होंने कहा था कि ऐसे कानून आर्थिक रूप से कर्नाटक के विकास को बाधित करते हैं. ये राज्य को पीछे की ओर ले जाते हैं. इन कानूनों और फैसलों की समीक्षा की जाएगी. जरूरत पड़ने पर इसे निरस्त किया जाएगा.

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