Two Extra Individuals, Together with A Juvenile, Had been Arrested For Parading Ladies Bare In Manipur – मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में एक किशोर समेत दो और लोगों को पकड़ा गया

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पुलिस ने कहा कि कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी करके बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

मणिपुर पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर एक बयान में कहा, ‘‘चार मई, 2023 को दो महिलाओं के वायरल वीडियो के संबंध में एक और आरोपी को आज गिरफ्तार किया गया. मामले में अब तक पांच मुख्य आरोपी और एक किशोर समेत कुल छह लोगों को पकड़ा या गिरफ्तार किया गया है.”

इससे पहले आज दिन में 19 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया गया था. बुधवार को इस घटना का 26 सेकेंड का वीडियो सामने आया था, जिसके एक दिन बाद बृहस्पतिवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि भीड़ ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. इससे पहले गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.

जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था.

घटना से जुड़े वीडियो को लेकर कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस थाने में 21 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी.

मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, भीड़ ने चार मई को एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसने कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी. प्राथमिकी के मुताबिक, दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और दूसरे लोगों के सामने ही उनका यौन उत्पीड़न किया गया. इस प्राथमिकी की एक प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के पास है.

एक अन्य घटना में, एक आदिवासी महिला ने सैकुल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि चार मई को कोनुंग ममांग के निकट किराए के घर में उसकी 21 वर्षीय बेटी और बेटी की 24 वर्षीय दोस्त से बलात्कार किया गया और फिर दोनों की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई. महिला ने कहा कि वे दोनों एक कार वॉशिंग स्टेशन पर केयरटेकर के रूप में काम करती थीं.

पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकि, प्राथमिकी में सामूहिक दुष्कर्म या हत्या का कोई आरोप नहीं लगाया गया है.

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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