नई दिल्ली:
फोर्टिस हेल्थकेयर (Fortis Healthcare) से जुड़े फंड हेराफेरी और इसे छिपाने के लिए गलत बयानी करने के मामले में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने पांच फर्मों को 15 दिन के अंदर 5.7 करोड़ रुपये चुकाने का निर्देश दिया है. मार्केट रेगुलेटर ने तय समय के अंदर जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर फर्मों की संपत्तियों एवं बैंक अकाउंट को कुर्क करने की चेतावनी दी है. सेबी द्वारा जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है उनमें सौभाग्य बिल्डकॉन, जॉल्टन प्रॉपर्टीज, टाइगर डेवलपर्स, टॉरस बिल्डकॉन और रोजस्टार मार्केटिंग शामिल हैं.
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यह नोटिस सेबी की तरफ से इन कंपनियों पर पहले लगाए गए जुर्माने को नहीं चुकाने पर भेजा गया है. सभी कंपनियों पर सेबी ने मई, 2020 में जुर्माना लगाया था. सेबी ने गुरुवार को जारी नोटिस में इन इकाइयों को 15 दिन में 5.7 करोड़ रुपये चुकाने का निर्देश दिया. इसमें हर्जाने के अलावा ब्याज भी शामिल है.
इस राशि को जमा नहीं करने पर सेबी कंपनियों की चल-अचल संपत्तियों को जब्त कर उनकी नीलामी कर राशि की वसूली करेगी. इसके अलावा कंपनियों के बैंक खातों को भी जब्त कर लिया जाएगा. वहीं, मार्केट रेगुलेटर ने राशि की भरपाई के लिए आरोपियों की गिरफ्तारी और हिरासत में लेने का विकल्प भी रखा है.
इस मामले में सेबी ने जून महीने में ही चार अन्य कंपनियों को नोटिस भेजा था. सेबी ने फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड (एफएचएल) के फंड की हेराफेरी और धोखाधड़ी को छिपाने के लिए गलतबयानी से संबंधित एक मामले में कुल 32 फर्मों पर 38.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इसमें पांचों कंपनियों पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगा था.
यह जुर्माना एफएचएल के फंड आरएचसी होल्डिंग के खाते में भेजने के लिए अनुचित तरीके अपनाने पर लगाया गया था. इस दौरान करीब 397 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गई थी,