Union Authorities Can Take Over Any Cellular Community For Public Security Says Telecommunications Invoice 2023 Draft – पब्लिक सेफ्टी के लिए किसी भी मोबाइल नेटवर्क का कंट्रोल ले सकती है सरकार, जानें नए टेलीकॉम बिल में क्या है?

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टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2023 में कहा गया है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेफ्टी में या पब्लिक इमरजेंसी की स्थिति में किसी भी टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क पर अस्थायी कब्ज़ा कर सकता है. प्रस्तावित कानून भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम, 1950 की जगह लेगा. सरकार का तर्क है कि इनमें से कुछ कानून 138 साल पुराने हैं. टेलीकम्युनिकेशन में तेजी से उभरती टेक्नोलॉजी को देखते हुए नए कानून की जरूरत है.

टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2023 ड्राफ्ट में कहा गया है- “आपदा प्रबंधन या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में किसी भी सार्वजनिक आपातकाल की घटना पर, केंद्र सरकार या राज्य सरकार या केंद्र/राज्य सरकार के अधिकृत कोई अधिकारी किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क पर अस्थायी कब्ज़ा ले सकते हैं…”

बिल में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के मैसेज को तब तक नहीं रोका जाएगा, जब तक कि उनका ट्रांसमिशन नेशनल सिक्योरिटी क्लॉज के तहत बैन न हो.

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बिल के ड्राफ्ट में कहा गया, “केंद्र सरकार या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के भारत में प्रकाशित होने वाले प्रेस मैसेज को तब तक रोका नहीं जाएगा, जब तक कि उनके ट्रांसमिशन को सब-सेक्शन (2) के क्लॉज (A) के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया हो.” 

 टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को सस्पेंड करने का भी अधिकार

ड्राफ्ट बिल में यह भी कहा गया है कि सरकार पब्लिक सेफ्टी के हित में व्यक्तियों के बीच किसी भी मैसेज को रोकने का निर्देश दे सकती है. यह सरकार को टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को सस्पेंड करने का भी अधिकार देता है.

बिल में कहा गया है, “भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की रक्षा और सुरक्षा के हित में केंद्र सरकार किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को या किसी भी टेलीकम्युनिकेशन डिवाइसेज से किसी भी मैसेज को निर्देशित कर सकता है. साथ ही टेलीकम्युनिकेशन डिवाइसेज का क्लास, किसी स्पेशल सब्जेक्ट से संबंधित, किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क के ट्रांसमिशन के लिए लाया गया या ट्रांसमिटेड या प्राप्त किया गया मैसेज प्रसारित नहीं किया जाएगा. न ही इसे रोका जा सकेगा.”

मैसेज को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करने सजा का प्रावधान

टेलीकम्युनिकेशन बिल में यह भी कहा गया है कि मैसेज को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करने पर three साल तक की जेल, 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. बिल के ड्राफ्ट में एक टेलीकम्युनिकेशन विवाद के निपटारे और अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्माण का भी प्रावधान है. 

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OTT प्लेयर्स या ऐप्स शामिल नहीं

2023 में जारी टेलीकम्युनिकेशन बिल के ड्राफ्ट में यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ओवर-द-टॉप (OTT) या इंटरनेट-आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को टेलीकम्युनिकेशन की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया था. इस बिल में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की शक्ति पर अंकुश लगाने का भी प्रस्ताव किया गया था,  इस पर टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों ने चिंता जाहिर की थी. 

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, ओवर-द-टॉप खिलाड़ियों और ट्राई से जुड़े मुद्दों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से पहले ही सुलझा लिया गया था. इस बिल में ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेयर्स या ऐप्स को टेलीकम्युनिकेशन सर्विस की परिभाषा से हटा दिया गया है. इसके अलावा व्हाट्सऐप और टेलीग्राम भी इस बिल के नियमों बाहर रहेंगे.

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