What Motion Was Taken Towards Brief Sellers SC Requested SEBI In Hindenburg Case – हिंडनबर्ग केस: शॉर्ट सेलरों पर SC सख्त, SEBI से पूछा- इनके खिलाफ क्या हुआ एक्शन?

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सेबी ने OCCRP की रिपोर्ट को किया खारिज.

खास बातें

  • अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों का किया था खारिज
  • 19 मई को SC कमेटी ने सार्वजनिक की थी रिपोर्ट
  • सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से मांगी लिखित दलीलें

नई दिल्ली:

हिंडनबर्ग केस (Hindenburg Case) की शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शॉर्ट सेलिंग के चलते निवेशकों को हुए नुकसान के प्रति चिंता व्यक्त की. अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने भी कहा था कि शॉर्ट सेलरों (Brief Sellers) ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिए मोटी कमाई की. हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलर है, जिसने ये रिपोर्ट निकाली और अदाणी ग्रुप पर आरोप लगाए.

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CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शेयर बाज़ारों की उथल-पुथल का ज़िक्र करते हुए सवाल किया कि निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए और शार्ट सेलिंग से हो सकने वाले नुकसान से बचाने के लिए SEBI क्या कदम उठा रहा है, या क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने यह सवाल भी किया कि क्या SEBI को शॉर्ट सेलिंग को लेकर कुछ गलत मिला है?

सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा, “हमें निवेशकों के हितों को बचाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की चिंता है… निवेशकों को नुकसान न हो, इसके लिए कदम उठाने होंगे…”

इस पर SEBI की तरफ़ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “हम जहां भी कुछ (गलत) पा रहे हैं, वहां कार्रवाई कर रहे हैं… इसके अलावा, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर (SC द्वारा नियुक्त) एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों के अनुरूप काम किया जा रहा है… इस मुद्दे पर हमारा पूरा ध्यान है, और शॉर्ट सेलिंग के मामले में एक्शन लिया जा रहा है…”

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि विदेशी अख़बारों में छपी रिपोर्टों को अंतिम सत्य नहीं माना जा सकता, और SEBI ने प्रशांत भूषण के NGO पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपने NGO की रिपोर्ट की जांच कराने के लिए कोर्ट आए हैं. साथ ही SEBI ने कहा कि यह एक ट्रेंड बन गया है कि विदेश में ख़बरें और रिपोर्टें छपवाकर देश में नीतियों पर असर डालने की कोशिश की जाए.

2 मार्च को SC ने बनाई थी कमेटी

2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई थी और SEBI को भी जांच के लिए 2 महीने का समय दिया था. मार्केट रेगुलेटर को 2 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन SEBI की ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान जांच के लिए 6 महीने की मोहलत मांगी थी.

कमेटी ने 19 मई 2023 को सार्वजनिक की थी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच रिपोर्ट 19 मई 2023 को सार्वजनिक कर चुकी है. कमेटी ने कहा था कि अदाणी के शेयरों की कीमत में कथित हेरफेर के पीछे SEBI की नाकामी थी या नहीं? अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता. कमेटी ने ये भी कहा था कि ग्रुप की कंपनियों में विदेशी फंडिंग पर सेबी की जांच बेनतीजा रही है.

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